भारतीय मृदा संबंधित जानकारी | Indian Soil Related Knowledge in Hindi
इस लेख में आप भारतीय मृदा (Indian Soil) से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है, जो अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। यह लेख एसएससी(SSC), यूपीएससी(UPSC), राज्य पीएससी(State PSC), रेलवे(Railway), पीएसयू(PSU) एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय मृदा pdf फ़ाइल लेख के अंत में दी गयी है, जिसे आप फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
● अवशिष्ट मृदा को अन्य किस नाम से जाना जाता हैं → स्थानीय (इन-सिटू)
● दक्कन लावा प्रदेश में किस प्रकार की मृदा का निर्माण होता है→ काली मृदा
● भारत में जलोढ़ मृदा का विस्तार कितने क्षेत्र में है → 142.50 मिलियन वर्ग किमी
● भारत की सकल सूचित मृदाओं के क्षेत्रफल का यह कितने प्रतिशत है → 43.4%
● किस मृदा में चावल, गेहूँ, गन्ना, कपास, तेल, बीज आदि की खेती की जाती है → जलोढ़ मृदा
● काली मृदा को अन्य किन नामों से जाना जाता है → रेगुड़, काली कपास
● काली मृदा का मूल पदार्थ किसे माना जाता है → क्रिटेसस युगीन अपक्षयित लावा
● भारत में काली मृदा का विस्तार कितने क्षेत्र में है → 50 मिलियन हेक्टेयर
● भारत में काली मृदा का विस्तार सकल मृदाओं का कितने प्रतिशत है → 15%
● लाल मृदा कुल मृदाओं के कितने प्रतिशत भाग में फैली है → 18.6%
● लाल मृदा कितने हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है → 61 मिलियन
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● लाल मृदा का लाल रंग किसकी उपस्थिति के कारण है → फेरिक ऑक्साइड
● लाल मृदा के लिए बड़ा संकट कौन-सा है → तीव्र निक्षालन (Leaching)
● मरुस्थलीय मृदा का विस्तार कितने हेक्टेयर क्षेत्र में है → 15 मिलियन
● लैटराइट मृदा भारत के कितने हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है → 12.2 मिलियन
● पर्वतीय मृदा भारत के कितने मिलियन हेक्टेयर भू-भाग में फैली है → 18.2 मिलियन
● पर्वतीय मृदा हिमालय की घाटियों में ढलानों पर कितनी ऊँचाई पर पाई जाती है → 300-2100 मी के बीच
● मक्का, चावल, फलियों, फल एवं चारे की खेती किस मृदा में होती है → पर्वतीय मृदा
● स्थानीय नामों रेह, कल्लर, ऊसर, राकर, धूर, कार्ल तथा चोपन किस मृदा को कहते हैं → लवणीय/क्षारीय मृदा
● समस्त मृदा में लवणीय मृदा का कितना अंश है → 1,29%
● पीटमय एवं दलदली मृदाएँ कितने भाग में फैली हैं → 2.77%
● मृदा को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं → धरातलीय दशा, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, चट्टान
● मिट्टी को ह्युमस जैसा आवश्यक तत्व कौन प्रदान करते हैं → सडे-गले पत्ते
● मृदा की ऊपरी सतह के हटने को क्या कहते हैं → मृदा अपरदन
● मरुस्थलीकरण के संदर्भ में जून, 2011 में चौथी राष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार देश का कुल भू-भाग क्षेत्र का कितना क्षेत्र भू-क्षरण प्रभावित है → 105.48 मिलियन हेक्टेयर
● मृदा अपरदन के कारकों में सबसे मूल कारक कौन-सा है → जलीय अपरदन
● शुष्क एवं अर्धशुष्क क्षेत्रों में मृदा क्षरण का मुख्य कारक क्या होता है → वायु अपरदन
● पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कृषिगत भूमि का एक बड़ा हिस्सा किस समस्या से प्रभावित हैं → जल-जमाव
● भारत की कितने हेक्टेयर भूमि पर लवणीयता एवं क्षारीयता की समस्या के व्याप्त है → 80 लाख हेक्टेयर
● भारत के कृषिगत क्षेत्र का यह कितने प्रतिशत है → 2.4%
● जलोढ (वाहित) मृदा का निर्माण किस प्रकार होता है → सिल्ट नदियों द्वारा लाए जाने पर
● काली (स्थानीय) मृदा का निर्माण किसके द्वारा होता है → ज्वालामुखी चट्टानों (बेसाल्ट) के अपक्षय (दक्कन लावा) से निर्मित
● चट्टानों के यांत्रिक अपरदन से बालू के रूप में निर्मित कौन-सी मृदा है → मरुस्थलीय मृदा (स्थानीय)
● रूपांतरित चट्टानों के अपघटन द्वारा निर्मित कौन-सी मृदा है → लाल मृदा (स्थानीय)
● कौन सी मृदा लिंचिंग का परिणाम है → लैटराइट मृदा (स्थानीय)
● पीटमय तथा जैत मृदा की उत्पत्ति कैसे होती है → जैव पदार्थ के कारण
● बाँध बनाना, वृक्षारोपण, पशुचारण पर प्रतिबंध, कृषिप्रणाली में परिवर्तन किस कार्य में सहायक हैं → मृदा संरक्षण
● मृदा संरक्षण का महत्वपूर्ण ज्ञान उपाय कौन-सा है → वैज्ञानिक शस्यावर्तन
● जैव खादों का अधिक प्रयोग किस कार्य में सहायक है → मृदा संरक्षण
● फसल चक्र अपनाना, सीढ़ीदार खेत बनाना किस कार्य में कारगर उपाय हैं → मृदा संरक्षण
● किसी प्रदेश में पाए जाने वाले विभिन्न जाति के पेड़-पौधों के समूह को क्या कहते हैं → वनस्पति
● उस बड़े भू-भाग को क्या कहते हैं, जो पेड़-पौधों तथा झाड़ियों द्वारा आच्छादित होता है → वन
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